प्यासा कौवा की एक कहानी

आज में अपको thirsty crow story सुनता हूँ एक बार एक crow बहुत ज्यादा प्यासा था बह पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। पर उसे कहीं पानी नही मिला कई घण्टे तक बह इधर उधर पानी तलाश में लगा रहा कई घण्टो के बाद बह उसे एक garden में एक पानी का घड़ा दिखायी दिया। बह बहुत ज्यादा खुश हो गया। जैसे ही crow पानी के घड़े के पास पहुंचा उसने देखा उस घड़े में पानी बहुत ही कम था।
Thirsty crow ने पानी पीने के लिए अपनी चोंच घड़े में डाली पानी कम होने के कारण crow की चोंच पानी तक नहीं पहुंच पायी। जिसके कारण वह पानी नही पिय सका। बहुत प्रयास करने के बाद भी बह पानी पीने में असफल रहा। crow बहुत ही ज्यादा थक चुके था पर उस crow ने हार नही मानी उसकी प्यास बाद रही थी ।  बहुत प्रयास के बाद उसे एक सुझाव आया उस crow ने उस घड़े में पथर के टुकड़े डालना शुरू कर दिया। जैसे ही वह crow अपनी चोंच से पथर के टुकड़े घड़े मे डालता वैसे ही पानी ऊपर आ जाता । डालते डालते पानी ऊपर आ गया। फिर उस crow ने जी भर के पानी पिया।
शिक्षा
यहां चाहा बाँह रहा
ये कहनी हमने बहुत बार पडी है। इस कहानी को हमे नये रूप से समझने की जरुरत है। ये कहनी हमे बहुत ही बडी सिख देती है  ।  ये story हमे motivated kr
सकती है। ये हुमे सिखाती है  यहां हम चाह करते है बांह पर हम रहा मिल ही जाती है। मतलब यो भी हमारा जीवन का लक्ष्य है। अगर हमें उस लक्ष्य तक      पहुँचने की रहा नही मिल रही  तब हमें निराश होके  उस लक्ष्य को बीच मे नही छोड़ देना चाहिए। बल्कि नितर प्रयास औऱ  hard work करते रहना चाहिए।  आप को निश्चित रूप से राह मिल जायेगी जिसे आप आप अपने लक्ष्य तक पहुंच
जाएंगे।